भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजुई को आज शांति के लिए 2014का नोबेल पुरस्कार दिया गया। ये पुरस्कार नार्वे की राजधानी ओस्लो में दिया गया। पुरस्कार मिलने से पहले सत्यार्थी ने कहा कि  ‘मलाला यूसुफजई मेरी बेटी की तरह’ हैं। इस पर मलाला यूसुफजई ने कहा है कि उन्हें अपने पिता के बराबर में बैठकर ये पुरस्कार लेना बहुत अच्छा लगेगा। कैलाश सत्यार्थी बाल अधिकार और बाल श्रम के खिलाफ कई दशकों से अभियान छेड़े हुए हैं। उनका एनजीओ ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ बच्चों के लिए काम करता है। वहीं, पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करती हैं।

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