कुरुक्षेत्रः हरियाणवी संस्कृति के महाकुंभ रत्नावली का रंगारंग आगाज सोमवार को धूमधाम से हुआ। कुरुक्षेत्र विश्वविधालय के प्रागंण में राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने दीप प्रज्जवलित कर रत्नावली का शुभारंभ किया। हरियाणवीं संस्कृति के इस महाकुम्भ में प्रदेश के करीब तीन हजार प्रतिभागी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे

ये कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर हरियाणवी कला की छटा बिखेर रहे हैं। मौका है कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में हरियाणवी संस्कृति के महाकुंभ रत्नावली का।जिसका रंगारंग आगाज सोमवार से हुआ। प्रदेश के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने दीप प्रज्वलित कर इस समारोह की शुरूआत की। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति पूरे विश्व में धूम मचा रही है और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणवी सांस्कृतिक धरोहर को रत्नावली के माध्यम से सहेजे हुए है। हरियाणवी डांस, लोक नृत्य और और लोक गीतों का अनूठा संगम रत्नावली में पहले दिन दर्शकों को देखने को मिला।

तो वहीं, इस बार रत्नावली में हरियाणवी पगड़ी बांधने की भी प्रतियोगिता रखी गई है।पहले दिन राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी समेत बहुत से मेहमानों को हरियाणवीं पगड़ी बांध उनका खास स्वागत किया गया। केयू में युवा एवं खेल सांस्कृतिक विभाग के निदेशक का कहना है कि उनका एक ही मकसद है कि रत्नावली के माध्यम से हरियाणवीं संस्कृति का विकास हो।

प्रदेश की पुरातन लोक विधाओं को नई पीढ़ी के सामने रत्नावली के मंच से कुरुक्षेत्र विश्वविदालय पिछले 29 सालों से निरंतर प्रदर्शित करता आ रहा है। लोक संस्कृति के जानकर मानते है की देश भर में कुरुक्षेत्र विश्वविधालय एक मात्र ऐसा विश्वविधालय है, जो अपने प्रदेश की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मंच प्रदान कर रहा है।

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