प्रदेश की राजनीति में हुए फेरबदल का पानीपत नगर निगम पर भी असर पड़ सकता है। इसका पहला संकेत भाजपा पार्षद और निगम की डिप्टी मेयर सीमा पाहवा के इस्तीफे के तौर पर मिला है। सीमा पाहवा इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़कर निगम में पहुंची थीं लेकिन बाद में इनेलो का दामन छोडकर वो भाजपा में शामिल हो गई थीं। हालांकि शुक्रवार शाम अपने पद से इस्तीफा देने के बाद सीमा शिरडी में साईं के दर्शन करने के लिए रवाना हो गई। मीडिया को इस्तीफे पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई लेकिन माना जा रहा है कि सीमा पाहवा सीनियर डिप्टी मेयर पद पर बैठना चाहती हैं।

भाजपा पार्टी के पदाधिकारी और निगम के पार्षद नैतिकता के आधार पर वर्तमान मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह से इस्तीफे की मांग भी कर रहे हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही भाजपा सदन में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। इस बात को नवनिर्वाचित विधायक रोहिता रेवडी का बयान भी हवा देता है।

पानीपत नगर निगम में कांग्रेस ने दबदबा कायम करते हुए अपना मेयर बनाया था। मौजूदा मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह का कहना है कि निगम के पार्षदों का बहुमत उन्हीं के साथ है और वे अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं।

रविवार को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद पानीपत नगर निगम की राजनीति में बडा उलटफेर हो सकता है। देखना होगा कि पानीपत नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा रहता है या प्रदेश की सत्ता की तरह यहां भी बीजेपी का वर्चस्व कायम हो जाएगा।

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