हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच यमुना नदी पर बनी एक पटरी तनाव की वजह बनी हुई है। यमुनानगर से लगते बॉर्डर पर यूपी के किसानों ने ये पटरी बनाई है। अब यूपी के किसानों ने हरियाणा के किसानों के लिए फरमान जारी किया है कि वो बॉर्डर की सड़क से यूपी में एंट्री ना करें।

यमुना नदी पर बनी साढे तीन किलोमीटर लंबी और तीस फीट ऊंची पटरी हरियाणा और यूपी के किसानों के बीच तनातनी की वजह बनी हुई है। यमुनानगर से लगते यूपी बॉर्डर पर बनी ये इस पटरी के विवाद की वजह से वाहनों की आवाजाही को लेकर भी तनातनी बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश के किसानों ने हरियाणा के किसानों के लिए यमुना पार वाहन लाने ले जाने के खिलाफ फरमान सुनाया है। यमुनानगर के किसानों ने भी साफ कर दिया कि अगर ऐसा हुआ तो वो भी उत्तर प्रदेश के किसानों को हरियाणा में नहीं आने देंगे।

यमुनानगर के कई गांव यमुना पार पड़ते हैं। उन्हें अपने ही जिले में आने के लिए यूपी की की सड़कों पर आना-जाना पड़ता है। लेकिन यूपी के किसानों के नए फरमान ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।  यमुना पार उत्तर प्रदेश के तरफ से बनाई जा रही इस पटरी को सेंट्रल वाटर कमीशन ऑफ इंडिया ने गलत बताया था। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने इस विवाद को जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया है।

दरअसल इस पटरी की वजह से हरियाणा के किसानों को बाढ़ में एकतरफा नुकसान का डर है। उनका कहना है कि अगर इस पटरी को नहीं तोडा जाता है। आने वाले दिनों में जब बाढ़ आती है तो यमुनानगर के 40 गांव बाढ की चपेट में आ जाएंगे।

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